Special Article : महिला सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण पेश कर रहा है जशपुर का कोटानपानी
रायपुर, 07 मार्च। Special Article : छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य जिला जशपुर के कांसाबेल विकास खण्ड में महिलाओं का जीवन पूरी तरह से बदल गया है। कुछ वर्ष पहले तक गांव की सिर्फ आठ से दस महिलायें छिंद- कांसा से टोकरी बनाकर आसपास के स्थानीय बाजार में बेचती थीं। इसके लिए भी उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। लेकिन आज इनकी स्थिति काफी बदल गयी है। छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के रोजगारन्मुखी प्रशिक्षण एवं अन्य योजनाओं के माध्यम से ग्राम के प्रत्येक घर में छिंद-कांसा की टोकनी एवं अन्य आकर्षक वस्तुयें बनाई जा रही हैं। जशपुर जिले का यह एक ऐसा गांव है जो प्रदेश में महिला सशक्तिकरण का उदाहरण बन गया है।
विदित हो कि जिला प्रशासन के सहयोग एवं हस्तशिल्प विकास बोर्ड के रोजगार मूलक प्रशिक्षण से कोटानपानी में 40, शब्दमुण्डा में 20 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है। वर्तमान में विभाग द्वारा 35 महिलाओं को ग्राम लपई (सेमरकछार) में रोजगार मूलक प्रशिक्षण दिया जा रहा है । इनके उत्पादों को राज्य के विभिन्न मेला एवं प्रदर्शनियों के माध्यम से विक्रय किया जाता है। महिलाओं ने इस कार्य से खुद के लिए आय का एक अच्छा स्रोत तैयार कर लिया है। इस कार्य के विस्तार के लिये बोर्ड के माध्यम से लगातार प्रयास किया जा रहा है।